22/03/2019

तुम्हारे इस शहर से जो गुज़र जाऊँगा मैं

Cover Page Of My First Poetry Book.
जिधर होगा इशारा बस उधर जाऊँगा मैं 
यही सच है अगर ऐसे सुधर जाऊँगा मैं 

भुलाना यूँ मुझे जैसे क़यामत आ पड़ी हो 
तुम्हारे इस शहर से जो गुज़र जाऊँगा मैं

हुकूमत की जमी होगी जहाँ न मैं रहूँगा
भले राजा रहो तुम पर मुकर जाऊँगा मैं

इबादत मैं करूँगा सिर्फ़ इस हिन्दोस्ताँ की
तुम्हारे सामने बनकर कहर आऊँगा मैं

मुहब्बत आज़माना है तुम्हें लो आज़मा लो
मुहब्बत की जमीं पर फ़िर नहीं आऊँगा मैं





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