Neelendra Shukla " Neel " |
मैं तुम्हें भुलाना चाहूँगा तुम चाहे मुझे भुलाओ ना ।।
गर दूर तुम्हें जाना ही था इक बार बता के जाती तो
तुम कह देती दिल की बातें पर एक बार तुम आती तो
अब धड़कन से तेरी यादों को, तेरे सपनों को, तेरे वादों को
यूँ हमें भुला देना होगा उन प्यारी सी मुलाकातों को
कुछ ख्वाब टूट कर बिखर गये अब सपने मुझे दिखाओ ना
हर बार तुम्हारे रूठने पर हर बार मनाया करता था
हर बार तुम्हें अपनाने को तेरे पास मैं आया करता था
इस बार हुआ है क्या ऐसा क्यों फेर लिए मुँह तुम हमसे
मैं खुशियों में जीने वाला क्यों जोड़ दिया रिस्ता गम से
अब कैसे मैं जी पाऊँगा थोड़ा सा तुम्हीं बताओ ना
वो सर्द रात की कुछ यादें कुछ याद दिलाया करती थी
हम दोनों संग - संग होते थे जन्नत दिखलाया करती थी
दिल के हर चौखट तेरे थे, दिल का सारा आँगन तेरा
पर मैं तो एक खिलौना था, था कोई मनभावन तेरा
उस बार सही, इस बार सही, अब यूँ ही मुझे रुलाओ ना
हर पल इक तुमको खोजा था हर पल तुमको ही पाया था
इतना जादू था चाहत में अपनों से हुआ पराया था
यूँ नदी किनारे बैठ साँझ हम स्वप्न सजाया करते थे
तुम मुझे बुलाया करती थी हम तुम्हें बुलाया करते थे
अब जान गया सारा किस्सा हे प्रियवर ! मुझे बुलाओ ना
आँखें जब मेरी खुलती थी बस इक ही चेहरा दिखता था
उसकी आँखों में जादू था इक सागर गहरा दिखता था
वो मुझमें खूब महकती थी मैं उसमें खूब महकता था
नयनों से वो बातें करती उस पर मन खूब बहकता था
तुमने तड़पाया बहुत मुझे अब और मुझे तड़पाओ ना
मुझको तुमने क्या सोचा है मुझको तुमने क्या जाना है
हर कदम - कदम पे साथ रहा फिर भी क्यूँ न पहचाना है
मधुशाला अब जाता हूँ मैं शायद तुम मेरे साथ नही
इन हाँथों में अब प्याला है शायद अब तेरा हाथ नही
मैं छककर पी के आया हूँ नयनों से जाम पिलाओ ना
कल साँझ हमारे साथ रही अब छोड़ मुझे इतराओ ना
मैं तुम्हें भुलाना चाहूँगा तुम चाहे मुझे भुलाओ ना ।।
7 comments:
बहुत सुंदर
बहुत सुन्दर भईया...
ये पुस्तक कब छपेगी..
मैं इन्तजार कर रहा हूँ!!
adbhut rachna bhai
बहुत ही सुंदर है नीलेन्द्र भाई ऐसेही आगे भी लिखते रहे👌🏻👍🏻
Bahut hi shandaar lines Hai bhai
बहुत सुंदर
बहुत सुंदर
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