Neelendra Shukla " Neel " |
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी ।।
मेरी दुनिया तुम मेरी धड़कन तुम
तुम ही साँसें मेरी तड़पन तुम
तुम बिन ऐ मेरे जीवनधन
लगती मुझको दुनिया भारी ।।
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी
संसार भरा मैखाना है
मैं और कहीं भी जाऊँ ना
हो सारी दुनिया साथ मगर
मैं फिर तुम्हें भुलाँऊ ना ।।
संग - संग मैं तेरे साथ रहूँ
ऐसी हो कुछ अपनी यारी ।।
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी ।।
वो गज़लें मेरी महक उठी
जबसे तुमको मैं पाया हूँ
अब चाँद - सितारे दिखते हैं
तेरे पास मैं जब से आया हूँ
जब साथ हमेशा तेरा हो
फिर जीने की क्या तैय्यारी ।।
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया - सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी ।।
4 comments:
Gajab lines bhai
बहुत सुन्दर मेरे प्यारे भईया जी
आप परितः कीर्तिमान स्थापित करें !!
Very very nysh....heart touching 👌👌❤
वाह नीलेन्द्र भाई मै जब आपकी कविता पढ़ता हूँ तो मुझे 21सदी का उभरता हुआ सूरज आपमे दिखने लगता है, आप न केवल हिन्दी न केवल संस्कृत अपितु अनेक भाषाओ मे अपने भावो को पिरोया है, मुझे गर्व है कि हम आपके साथ padhe है आगे चल के आपकी कीर्ती चारों दिसाओ मे फ़हरायेगी इसमे तनिक भी सन्देह नहीं है l
जै सियाराम
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