Neelendra Shukla " Neel " |
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी ।।
मेरी दुनिया तुम मेरी धड़कन तुम
तुम ही साँसें मेरी तड़पन तुम
तुम बिन ऐ मेरे जीवनधन
लगती मुझको दुनिया भारी ।।
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी
संसार भरा मैखाना है
मैं और कहीं भी जाऊँ ना
हो सारी दुनिया साथ मगर
मैं फिर तुम्हें भुलाँऊ ना ।।
संग - संग मैं तेरे साथ रहूँ
ऐसी हो कुछ अपनी यारी ।।
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी ।।
वो गज़लें मेरी महक उठी
जबसे तुमको मैं पाया हूँ
अब चाँद - सितारे दिखते हैं
तेरे पास मैं जब से आया हूँ
जब साथ हमेशा तेरा हो
फिर जीने की क्या तैय्यारी ।।
जब तुम ही एक हृदय में हो
फिर क्या है ये दुनिया - सारी ।।
है तुमसे ही इक प्रीति मेरी
मैं क्या जानूँ दुनिया - दारी ।।