किसकी है औकात यहाँ जो छूले मेरे झण्डे को ,
मेरे देश के इस प्रतीक लहराते हुए तिरंगे को।
देश में मेरे अब भी हैं ,जाबाज सिपाही सीमा पर ,
रेडक्लिफ तोड़ के जाकर खत्म करेंगें पाकी दंगे को।।
नहीं रहेगा पाक तुम्हारा मानचित्र के नक़्शे पर ,
थोड़ी अक्ल अगर हो समझो ,बंद करो इस धंधे को।।
अब तक तो हम शान्त रहे अब कोप चढ़ रहा मस्तक पर ,
घर में घुस के मारेंगे यदि मारे हिन्द के बन्दे को।।
बहुत हुई अब भाषणबाजी ,भाषणबाजी बंद करो ,
मोदी जी !अब बहुत हुआ छोड़ो भी इस हथकंडे को।।
कद छोटा है ,उम्र बहुत कम फिर भी खून उबलता है ,
फिर से याद करा दूंगा मैं हिटलर जैसे बन्दे को।।
एक मेरी माँ रोयेगी ,दूजी के गोद में सोऊँगा ,
हँसते - हँसते चूमूँगा मैं उस फांसी के फंदे को।।
कोई तुम्हें हिला सकता क्या ?हिन्दुस्तान के वीरसपूत ,
मातृ - पितृ की शक्ति है ''ऐ नील '' तुम्हारे कंधे को।।
मेरे देश के इस प्रतीक लहराते हुए तिरंगे को।
देश में मेरे अब भी हैं ,जाबाज सिपाही सीमा पर ,
रेडक्लिफ तोड़ के जाकर खत्म करेंगें पाकी दंगे को।।
नहीं रहेगा पाक तुम्हारा मानचित्र के नक़्शे पर ,
थोड़ी अक्ल अगर हो समझो ,बंद करो इस धंधे को।।
अब तक तो हम शान्त रहे अब कोप चढ़ रहा मस्तक पर ,
घर में घुस के मारेंगे यदि मारे हिन्द के बन्दे को।।
बहुत हुई अब भाषणबाजी ,भाषणबाजी बंद करो ,
मोदी जी !अब बहुत हुआ छोड़ो भी इस हथकंडे को।।
कद छोटा है ,उम्र बहुत कम फिर भी खून उबलता है ,
फिर से याद करा दूंगा मैं हिटलर जैसे बन्दे को।।
एक मेरी माँ रोयेगी ,दूजी के गोद में सोऊँगा ,
हँसते - हँसते चूमूँगा मैं उस फांसी के फंदे को।।
कोई तुम्हें हिला सकता क्या ?हिन्दुस्तान के वीरसपूत ,
मातृ - पितृ की शक्ति है ''ऐ नील '' तुम्हारे कंधे को।।
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