02/09/2016

"खून की नदियाँ बहेंगी "

खून की नदियाँ बहेंगी घर तुम्हारे शोर होगा,
जिस्म के टुकड़े करेंगे, तांडव घनघोर होगा ।

भूल जाओ देश को ,न इस कदर वाणी निकालो,
राग न, कोई द्वेष न बस शोक ही चहुँओर होगा ।।1।।

जान भी न पाओगे के कौन मारा? कौन काटा ?
सोंच भी न पाओगे, तुम सोंचोगे कोई और होगा ।।2।।

युद्ध जब होगा भयंकर शस्त्र छोड़ेंगे सभी ।
देखने को तब मिलेगा कौन किसकी ओर होगा ?।।3।।

हिन्दु हैं हम और हिन्दोस्ताँ हमारी जान है ।
देशद्रोही प्राणियों का सिर, हमारा पैर होगा ।।4।।

हो चुकी हत्यायें निर्मम देश में इस, प्राणियों की ।
सोंचा छोड़ो गलतियाँ हैं कोई भटका चोर होगा ।।5।।

पुनः इन चिंगारियों को छेड़कर न आग देना ।
भूख से मर जाओगे और हाँथ न इक कौर होगा ।।6।।

क्रोध से तुम रक्तरंजित न करो ऐ पाकवासी ।
वरना !भारत माँ के चरणों में तेरा सिरमौर होगा ।।7।।

हों भले ही देश में अब कितने ही आतड़्कवादी ।
रात काटेंगे वहाँ पे, आर्यावर्त में भोर होगा ।।8।।

लाशों को दफ्नाओगे कैसे ? ओ पाकिस्तानियों ।
न जगह तेरे लिए है, न ही कोई ठौर होगा ।।9।।

हिन्दु का तात्पर्य केवल हिन्दुओं से है नही ।
मुख पे भारतवासियों के नाद अब पुरजोर होगा ।।10।।

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