23/10/2017

तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया ( गज़ल )

तेरी ज़ुल्फ़ों से हवा का झोंका आया - 2
ऐसा लगता है जैसे कोई नगमा आया

दूर मुझसे थे अभी तक मेरे अहल ए वफ़ा
तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया

सारे रिश्ते , सभी नातों नें ठुकराया मुझे
जब नहीं था कोई मेरे पास तो , तू आया

धूप में यूँ ही भटकता रहा सपनें लेकर
छाँव की चाह में अक्सर तेरा आँचल आया

कभी बीमार हुआ जो मैं, ऐ मेरे हमदम !
डबडबाई तेरी आँखों में आँसू आया

वो इबादत चली मेरे संग मेरी दुल्हन बन
तूने जो की थी उसी से मुझमें रंग आया

लोग आख़िर कभी समझे ही नहीं लफ्ज़ ए बयाँ
तूनें समझा यही काफ़ी है ,सब हाँथ आया

तेरी ज़ुल्फ़ों से हवा का झोंका आया
ऐसा लगता है जैसे कोई नगमा आया

दूर मुझसे थे अभी तक मेरे अहल ए वफ़ा
तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया


1 comment:

Unknown said...

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