तेरी ज़ुल्फ़ों से हवा का झोंका आया - 2
ऐसा लगता है जैसे कोई नगमा आया
दूर मुझसे थे अभी तक मेरे अहल ए वफ़ा
तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया
सारे रिश्ते , सभी नातों नें ठुकराया मुझे
जब नहीं था कोई मेरे पास तो , तू आया
धूप में यूँ ही भटकता रहा सपनें लेकर
छाँव की चाह में अक्सर तेरा आँचल आया
कभी बीमार हुआ जो मैं, ऐ मेरे हमदम !
डबडबाई तेरी आँखों में आँसू आया
वो इबादत चली मेरे संग मेरी दुल्हन बन
तूने जो की थी उसी से मुझमें रंग आया
लोग आख़िर कभी समझे ही नहीं लफ्ज़ ए बयाँ
तूनें समझा यही काफ़ी है ,सब हाँथ आया
तेरी ज़ुल्फ़ों से हवा का झोंका आया
ऐसा लगता है जैसे कोई नगमा आया
दूर मुझसे थे अभी तक मेरे अहल ए वफ़ा
तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया
ऐसा लगता है जैसे कोई नगमा आया
दूर मुझसे थे अभी तक मेरे अहल ए वफ़ा
तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया
सारे रिश्ते , सभी नातों नें ठुकराया मुझे
जब नहीं था कोई मेरे पास तो , तू आया
धूप में यूँ ही भटकता रहा सपनें लेकर
छाँव की चाह में अक्सर तेरा आँचल आया
कभी बीमार हुआ जो मैं, ऐ मेरे हमदम !
डबडबाई तेरी आँखों में आँसू आया
वो इबादत चली मेरे संग मेरी दुल्हन बन
तूने जो की थी उसी से मुझमें रंग आया
लोग आख़िर कभी समझे ही नहीं लफ्ज़ ए बयाँ
तूनें समझा यही काफ़ी है ,सब हाँथ आया
तेरी ज़ुल्फ़ों से हवा का झोंका आया
ऐसा लगता है जैसे कोई नगमा आया
दूर मुझसे थे अभी तक मेरे अहल ए वफ़ा
तू जो आया , तो ख़ुदा भी आया
1 comment:
Hriday ke Prem ko Udwelit krne wala
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