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Daughter $ Son |
आज अनन्त चतुर्दशी और शिक्षक दिवस के अवसर पर बड़े भइया और भाभी को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई अतः समूचे घर में उल्लास का माहौल छाया हुआ है मुझे पूरा विश्वास है कि आज मेरे पिताजी की मूछें पहले से थोड़ी टाइट और छाती पहले से कुछ और चौड़ी होगी, भइया मन ही मन खुशी से झूम रहे होंगे कि जैसे झूमती हैं लहलहाती हरी फसलें खेतों में, भाभी जी आज अपार कष्ट के बाद एक अलौकिक सुख का अनुभव कर रही होंगी बाबा आजी ,दादा दादी, चाचा चाची और सभी भाइयों भाभियों सहित बहनों में एक खुशी की लहर दौड़ रही होगी मैं बाहर (केरल) हूँ पर मुझे मालूम इस समय मेरे घर का माहौल कैसा होगा -
(मैं यहाँ बाहर हूँ पर मुझको पता है सब यहाँ
किस कदर छाया हुआ होगा मेरे घर कारवाँ )
नीलेन्द्र शुक्ल " नील "
कहीं पे फूल खिल गया शायद
कहीं गुलशन महक उठा शायद
मेरे पापा ख़ुशी से झूम उठे ,
कहीं चिराग जल गया शायद
जिसे थे खोजते हम रात के अंधेरों में
आज घर चाँद आ गया शायद
कई दिन बीत गए इन्तज़ार में जिसके
वही मेहमान आ गया शायद ।।
मेरे पापा = बच्चे के बाबा जी ( दादा जी )
10 comments:
सुंदर प्रस्तुति।
उत्सव की खुशी वाली सुंदर रचना
Bahut hi Sundar..
ख़ुशी के अनेक रंग हैं जिनमें एक ख़ूबसूरत रंग यह भी। बधाई नीलेंद्र जी।
क्या लिखूं मै कोई और शब्द ही नही है मेरे पास मे!!
बस हम यही कहना चाहेगें, जो चिराग आया हैं!!
वो हमेशा ऐसे हीजगमगाता रहे !!
मांगने वाले कभी खाली न लौटे,
जमाने मे मिली इतनी खैरात न पूंछो!
इनकी कृपा तो इनकी कृपा है,
उनकी कृपा की बात न पूंछो!!
प्रसन्नतोsस्म्यहम् !!!������������
शिवम् द्विवेदी (वृन्दावन धाम) 7705074642
नीलू भईया को प्रणाम ����
क्या लिखूं मै कोई और शब्द ही नही है मेरे पास मे!!
बस हम यही कहना चाहेगें, जो चिराग आया हैं!!
वो हमेशा ऐसे हीजगमगाता रहे !!
मांगने वाले कभी खाली न लौटे,
जमाने मे मिली इतनी खैरात न पूंछो!
इनकी कृपा तो इनकी कृपा है,
उनकी कृपा की बात न पूंछो!!
प्रसन्नतोsस्म्यहम् !!!������������
शिवम् द्विवेदी (वृन्दावन धाम) 7705074642
नीलू भईया को प्रणाम ����
सुंदर। पर @आज मेरे पिताजी की मूछें पहले से थोड़ी टाइट और छाती पहले से कुछ और चौड़ी होगी....."
लगता नहीं कि नवजात के आगमन के साथ कुछ मिसफिट है ? ज़रा सोचना !
सर नमस्कार,
मैं आपका अपने ब्लाग पर तहेदिल से स्वागत करते हुए कहना चाहूँगा कि यहाँ पे मैंने सिर्फ अपने पिता जी की बात की है जो कि मुझे अच्छी तरह मालूम है कि मेरे पिता जी का स्वभाव क्या है -
मैं अपने पिताजी के बारे में कहना चाहूँगा कि बहुत ही ज़िन्दादिल आदमी हैं मेरे पिता जी कठिनाइयों में सागर की तरह गहरे और खुशियों के समय बच्चों जैसी ज़िन्दगी जीने वाले हैं ।
और ऐसे मेरे पिता जी के लिए बाबा बनने की खुशी शायद आप समझ सकें मैं 100 % कहता हूँ कि मेरे बड़े भइया के बेटे होने की ख़ुशी में मेरे पिताजी की मूछें टाइट और छाती पहले से कुछ और चौड़ी होगी इसमें कोई सन्देह नही है मुझे लगता है दुनिया के किसी भी पिता या बाबा की मूछें पहले से टाइट, छाती चौड़ी और हृदय में उल्लास से भर जाता होगा जब वह पिता या बाबा बनता है ।
धन्यवाद
Bahut sundar prastuti bhai
Bahut sundar prastuti bhai
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