06/09/2017

कहीं चिराग जल गया शायद

Daughter $ Son
आज अनन्त चतुर्दशी और शिक्षक दिवस के अवसर पर बड़े भइया और भाभी को पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई अतः समूचे घर में उल्लास का माहौल छाया हुआ है मुझे पूरा विश्वास है कि आज मेरे पिताजी की मूछें पहले से थोड़ी टाइट और छाती पहले से कुछ और चौड़ी होगी, भइया मन ही मन खुशी से झूम रहे होंगे कि जैसे झूमती हैं लहलहाती हरी फसलें खेतों में, भाभी जी आज अपार कष्ट के बाद एक अलौकिक सुख का अनुभव कर रही होंगी बाबा आजी ,दादा दादी, चाचा चाची और सभी भाइयों भाभियों सहित बहनों में एक खुशी की लहर दौड़ रही होगी मैं बाहर (केरल) हूँ पर मुझे मालूम इस समय मेरे घर का माहौल कैसा होगा -

(मैं यहाँ बाहर हूँ पर मुझको पता है सब यहाँ
किस कदर छाया हुआ होगा मेरे घर कारवाँ )
                           नीलेन्द्र शुक्ल " नील "

कहीं पे फूल खिल गया शायद
कहीं गुलशन महक उठा शायद

मेरे पापा ख़ुशी से झूम उठे ,
कहीं चिराग जल गया शायद

जिसे थे खोजते हम रात के अंधेरों में
आज घर चाँद आ गया शायद

कई दिन बीत गए इन्तज़ार में जिसके
वही मेहमान आ गया शायद ।।

मेरे पापा = बच्चे के बाबा जी ( दादा जी )
                  

10 comments:

Jyoti Dehliwal said...

सुंदर प्रस्तुति।

अपर्णा वाजपेयी said...

उत्सव की खुशी वाली सुंदर रचना

Unknown said...

Bahut hi Sundar..

Ravindra Singh Yadav said...

ख़ुशी के अनेक रंग हैं जिनमें एक ख़ूबसूरत रंग यह भी। बधाई नीलेंद्र जी।

Unknown said...

क्या लिखूं मै कोई और शब्द ही नही है मेरे पास मे!!
बस हम यही कहना चाहेगें, जो चिराग आया हैं!!
वो हमेशा ऐसे हीजगमगाता रहे !!
मांगने वाले कभी खाली न लौटे,
जमाने मे मिली इतनी खैरात न पूंछो!
इनकी कृपा तो इनकी कृपा है,
उनकी कृपा की बात न पूंछो!!
प्रसन्नतोsस्म्यहम् !!!������������

शिवम् द्विवेदी (वृन्दावन धाम) 7705074642

नीलू भईया को प्रणाम ����

Unknown said...

क्या लिखूं मै कोई और शब्द ही नही है मेरे पास मे!!
बस हम यही कहना चाहेगें, जो चिराग आया हैं!!
वो हमेशा ऐसे हीजगमगाता रहे !!
मांगने वाले कभी खाली न लौटे,
जमाने मे मिली इतनी खैरात न पूंछो!
इनकी कृपा तो इनकी कृपा है,
उनकी कृपा की बात न पूंछो!!
प्रसन्नतोsस्म्यहम् !!!������������

शिवम् द्विवेदी (वृन्दावन धाम) 7705074642

नीलू भईया को प्रणाम ����

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

सुंदर। पर @आज मेरे पिताजी की मूछें पहले से थोड़ी टाइट और छाती पहले से कुछ और चौड़ी होगी....."
लगता नहीं कि नवजात के आगमन के साथ कुछ मिसफिट है ? ज़रा सोचना !

Poetry With Neel said...

सर नमस्कार,
मैं आपका अपने ब्लाग पर तहेदिल से स्वागत करते हुए कहना चाहूँगा कि यहाँ पे मैंने सिर्फ अपने पिता जी की बात की है जो कि मुझे अच्छी तरह मालूम है कि मेरे पिता जी का स्वभाव क्या है -
मैं अपने पिताजी के बारे में कहना चाहूँगा कि बहुत ही ज़िन्दादिल आदमी हैं मेरे पिता जी कठिनाइयों में सागर की तरह गहरे और खुशियों के समय बच्चों जैसी ज़िन्दगी जीने वाले हैं ।
और ऐसे मेरे पिता जी के लिए बाबा बनने की खुशी शायद आप समझ सकें मैं 100 % कहता हूँ कि मेरे बड़े भइया के बेटे होने की ख़ुशी में मेरे पिताजी की मूछें टाइट और छाती पहले से कुछ और चौड़ी होगी इसमें कोई सन्देह नही है मुझे लगता है दुनिया के किसी भी पिता या बाबा की मूछें पहले से टाइट, छाती चौड़ी और हृदय में उल्लास से भर जाता होगा जब वह पिता या बाबा बनता है ।
धन्यवाद

Unknown said...

Bahut sundar prastuti bhai

Unknown said...

Bahut sundar prastuti bhai

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