फिजा में चमकते सितारे मिलेंगे ,
हमारे तुम्हारे इशारे मिलेंगे ।
भटक भी गये बीच मजधार में तो ,
कहीं न कहीं तो किनारे मिलेंगे ।।
अगर छद्म होगा न मन में तुम्हारे ,
तेरी राह पे पुष्प - न्यारे मिलेंगे ।।
नही सीखना तुम कभी द्वेष करना ,
जहाँ में तुम्हें लोग प्यारे मिलेंगे ।।
न हिन्दू, न मुस्लिम, न सिख इसाई ,
तुम्हें सर्वदा भाईचारे मिलेंगे ।।
जरा सा सम्हल के मगर पैर रखना ,
नही दर - बदर पे जुवारे मिलेंगे ।।
नहीं तर्जना , भर्त्सना तुम करो अब ,
चमकते हुए चाँद - तारे मिलेंगे ।।
निखरना अगर है तुम्हें सूर्य बनकर ,
जगत - ज्ञान जीवन में सारे मिलेंगे ।।
अगर इश्क में बेवफाई न होगी ,
तो शत्रु सदा तुमसे हारे मिलेंगे ।।
गली कूच में प्रेम के गीत गाओ ,
तुम्हारे हृदय को सहारे मिलेंगे ।।
मेरी दिलरुबा तुम जरा मुस्कुरा दो ,
तुम्हारी अदाओं के मारे मिलेंगे ।।
ये दिलकश जवानी , ये अल्हड़ कहानी ,
के चर्चे घरों में हमारे मिलेंगे ।।
हमारे तुम्हारे इशारे मिलेंगे ।
भटक भी गये बीच मजधार में तो ,
कहीं न कहीं तो किनारे मिलेंगे ।।
अगर छद्म होगा न मन में तुम्हारे ,
तेरी राह पे पुष्प - न्यारे मिलेंगे ।।
नही सीखना तुम कभी द्वेष करना ,
जहाँ में तुम्हें लोग प्यारे मिलेंगे ।।
न हिन्दू, न मुस्लिम, न सिख इसाई ,
तुम्हें सर्वदा भाईचारे मिलेंगे ।।
जरा सा सम्हल के मगर पैर रखना ,
नही दर - बदर पे जुवारे मिलेंगे ।।
नहीं तर्जना , भर्त्सना तुम करो अब ,
चमकते हुए चाँद - तारे मिलेंगे ।।
निखरना अगर है तुम्हें सूर्य बनकर ,
जगत - ज्ञान जीवन में सारे मिलेंगे ।।
अगर इश्क में बेवफाई न होगी ,
तो शत्रु सदा तुमसे हारे मिलेंगे ।।
गली कूच में प्रेम के गीत गाओ ,
तुम्हारे हृदय को सहारे मिलेंगे ।।
मेरी दिलरुबा तुम जरा मुस्कुरा दो ,
तुम्हारी अदाओं के मारे मिलेंगे ।।
ये दिलकश जवानी , ये अल्हड़ कहानी ,
के चर्चे घरों में हमारे मिलेंगे ।।
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