21/07/2016

" मैं हिन्दुस्तान दिखाउँगा "

एक लफ्ज में बयाँ कर दिये
अपना सारा ज्ञान हैं ,
न तुम, न मैं, न ये दौलत
दो दिन के मेहमान हैं ।
अपनी छाती चौड़ी कर लो
डट जाओ अब सीमा पे ,
अमर शहीद भगत सिंह जैसे
कितने ही कुर्बान हैं ।।

देश हमारा टिका हुआ है
वीर सपूत के कन्धों पर ,
 होगा अत्याचार बराबर
लोफड़ और लफड़्गों पर ।
न होगी उनकी सुनवाई
सजा यहाँ की मौत है,
बम फोड़े गोला बरसायें
आतड़्की उन दड़्गो पर ।।

क्या कसाब , क्या अफजल ऐसे
कितने मारे जायेंगे ,
दाउद भी यदि बुरी दृष्टि से
देखे तो थर्रायेंगे ।
काँप उठती है रूह बदन की
शेर जहाँ चिल्लाते हैं
हिन्दुस्तान की धरती पे आतड़्की
मारे जाते हैं ।।

हिन्दू न , मुस्लिम हम न ही
सिख और ईसाई हैं,
भारत माँ के लाल हैं हम
हम सबकी दौलत माई है ।
हैं सपूत या हैं कपूत
हम सबसे प्यार जताती हैं ,
इसीलिए भारत माता
हम सबके हृदय समाती हैं ।।

बाइबिल क्या है ? धर्म ग्रन्थ क्या ?
तुझे कुरान पढ़ाउँगा ,
सन्ध्या, पूजा करना कैसे
वेद , पुरान सिखाउँगा ।
हम लोगों पर शक हो तो
बस एक बार संकेत करो ,
हृदय - चीर के एक - एक में
हिन्दुस्तान दिखाउँगा ।।
मैं हृदय - चीर के एक - एक में
हिन्दुस्तान दिखाउँगा ।।
           
                     "  जय हिन्द   "


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