मैं जिंदा हूँ यादों के संग,
जिंदा रहना चाहता नहीं।
जब दूर कर दिया तुमने तो,
अब पास आना चाहता नहीं।।1।।
यद्यपि था तुमने प्यार किया,
जी भर तुमने इकरार किया।
पर तेरी इस नादानी को तो,
मैं,अब भी जानता नहीं ।।2।।
मेरे दूर देश में आने पर,
तुम वादे सारे भूल गई।
तेरी ऐसी बेशर्मी पर,
अब रोना मैं चाहता नहीं।।3।।
मानो मैं था मजबूर बहुत,
तब आपसे था मैं दूर बहुत।
तब बातें न कर पाता था,
अब मैं करना चाहता नहीं।।4।।
क्यों फिर से साथ चाहते हो?
क्यों तुम वो राह माँगते हो?
अब तुम क्या हो?ये बातें क्या?
यादें रखना चाहता नहीं।।5।।
"हूँ मैं जिंदा तुम्हारी,
यादों के नीचे दफन हूँ मैं।
है मेरी छोटी सी इक आत्मा,
उसका कफन हूँ मैं।।"
नीलेन्द्र शुक्ल "नील"
जिंदा रहना चाहता नहीं।
जब दूर कर दिया तुमने तो,
अब पास आना चाहता नहीं।।1।।
यद्यपि था तुमने प्यार किया,
जी भर तुमने इकरार किया।
पर तेरी इस नादानी को तो,
मैं,अब भी जानता नहीं ।।2।।
मेरे दूर देश में आने पर,
तुम वादे सारे भूल गई।
तेरी ऐसी बेशर्मी पर,
अब रोना मैं चाहता नहीं।।3।।
मानो मैं था मजबूर बहुत,
तब आपसे था मैं दूर बहुत।
तब बातें न कर पाता था,
अब मैं करना चाहता नहीं।।4।।
क्यों फिर से साथ चाहते हो?
क्यों तुम वो राह माँगते हो?
अब तुम क्या हो?ये बातें क्या?
यादें रखना चाहता नहीं।।5।।
"हूँ मैं जिंदा तुम्हारी,
यादों के नीचे दफन हूँ मैं।
है मेरी छोटी सी इक आत्मा,
उसका कफन हूँ मैं।।"
नीलेन्द्र शुक्ल "नील"
3 comments:
Bahut hi Achcha hai yarrrr
धन्यवाद भइया
Kya bat hai bhaiya
Bhut achha
Post a Comment