25/06/2016

श्री गुरुभ्यो नम:

             ॐ
श्री गुरु के वे प्रिय शिष्य हैं,
हम सब उन आंखों के तारे ।
सदा शास्त्र में चिन्तन करते,
ऐसे हैं गुरुदेव हमारे ।।
                                     नीलेन्द्र शुक्ल "नील"

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