13/10/2019

● मन बन्जारा रे मन आवारा रे ●


● मन बन्जारा रे मन आवारा रे ●
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मन बन्जारा रे 
मन आवारा रे
मन जीते जो जीत यहाँ पर 
मन ही हारा रे 

मन उड़ जाए है 
मन जुड़ जाए है 
मन के आगे बेबस है 
ये दिल बेचारा रे

मन अन्धा है, मन बहरा है, मन है पागल रे 
मन कायल है, मन पायल है, मन है घायल रे 

सबके संग है, और अकेला 
मन इकतारा रे

मन भरमाये, मन तड़पाये, मन है सौतन रे 
मन समझाये, मन बहलाये, मन है जीवन रे 

सबको उलझाये है, सबको करे इशारा रे 

प्रेम सिखाये, त्याग सिखाये, नफरत भी दे, ज्ञान 
मन जिसका निर्मल हो जाए दे जाए निर्वाण 

तन रूपी बैसाखी का मन 
एक सहारा रे

मन बच्चा है, मन कच्चा है, मन है सच्चा रे 
मन गन्दा सोचे है लेकिन मन अच्छा है रे

मन ही अंधियारा जीवन का
मन उंजियारा रे 

नीलेन्द्र शुक्ल " नील "
13/10/2019




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