नील |
तुम साथ नहीं, ये गम न हो
पर प्यार हमारा कम न हो
जिन यादों से दुनिया देखी
उन यादों के मरहम न हों
चलती सनसनी हवाएँ हैं
पर आती नहीं दुवाएँ हैं
मैं नफ़रत की दीवारों को
तोड़ूँ सारे व्यभिचारों को
चलती सनसनी हवाएँ हैं
पर आती नहीं दुवाएँ हैं
मैं नफ़रत की दीवारों को
तोड़ूँ सारे व्यभिचारों को
ऐसा पल न हो जीवन में
तुम पास रहो हमदम न हो
तुम किसी फूल की तरह खिलो
बन धार नदी की सदा मिलो
सागर से थोड़ा प्यार करो
मैं तुम्हें भरूँ, तुम मुझे भरो
इस कदर हमारा प्यार पले
उन्मुक्त रहें बन्धन न हो
जीवन में जितने मोड़ मिले
मुझको सारे बेजोड़ मिले
मैं खुलकर ये कह सकता हूँ
सबसे दूरी सह सकता हूँ
जिससे दूरी बनती जाए
हो और कोई दुल्हन न हो
तुम किसी फूल की तरह खिलो
बन धार नदी की सदा मिलो
सागर से थोड़ा प्यार करो
मैं तुम्हें भरूँ, तुम मुझे भरो
इस कदर हमारा प्यार पले
उन्मुक्त रहें बन्धन न हो
जीवन में जितने मोड़ मिले
मुझको सारे बेजोड़ मिले
मैं खुलकर ये कह सकता हूँ
सबसे दूरी सह सकता हूँ
जिससे दूरी बनती जाए
हो और कोई दुल्हन न हो
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