1. जवानी भी अभी देखा नही मैं
36. जी करता है जन्मदिवस के अवसर पर
लिख दूँ सारा प्यार तुम्हारे चेहरे पर ।।
मुझे दर्शन पढ़ाने लग गये हैं
2. कट गए दिन, कटे हैं माह, कटे वर्ष कई
तुम्हारी याद में ये जिन्दगी न कट जाए
3. सियासत की नज़र हों इस तरफ भी
मेरे पैरों में छाले पड़ गये हैं
4. क्या कहूँ मैं दिन पे दिन हूँ बढ़ रहा
जिन्दगी सैलाब होती जा रही
5. ये जरूरी नही तुम मिलो बस मुझे
पर जरूरी है के याद आती रहो
6. बगावत के उसूलों में मुझे जलकर नही मरना
मुझे हिन्दू भी प्यारा है मुझे मुस्लिम भी प्यारा है
7. मुझे तिरछी नज़र से देखना यूँ
कहो क्या कत्ल करना चाहती हो
8. तुम्हारी नींद क्यों उड़ने लगी है
तुम्हें हमसे मुहब्बत हो गई क्या
9. मुझे परिवार पे है गर्व अपने
मेरे घर में अभी भी एकता है
10. मैं हट कर बैठने वाला नही हूँ
लडूँगा जब तलक है जान मुझमें
11. इन्हें कैसे निकालूँ तुम बताओ
मेरी आँखों में सपने गड़ गये हैं
12. फलक से चाँद-तारे तोड़ लाऊँ
महज़ इस हाँथ में तुम हाँथ रख दो
13. जमीं क्या, आसमाँ बौना लगेगा
तुम्हारा साथ गर मिल जाए मुझको
14. मेरे दिल से अन्धेरा हट गया है
कोई दीपक जला गया शायद
15. नही कुछ और मेरी जिन्दगी में
महज़ तुम और हैं यादें तुम्हारी
16. तुम्हारे सामने यारा सम्हल पाता नही हूँ ,
न जाने कौन से जन्मों के हैं सम्बन्ध गहरे
17. मेरे सुख दुःख सभी कुछ बँट गये हैं
तुम्हारा साथ जब से पा लिया हूँ
18. हमारे दिल के अन्दर चाँद है इक
तेरा चेहरा वहीं देखा है मैंने
19. गज़ल से लबलबाते होंठ तेरे
मिले अनुमति मुझे कुछ पाठ कर लूँ
20. तुम्हारी नाक पे वो कील है या
कोई तारा युँ ही बैठा हुआ है
21. मैं ये दिल रोंक पाऊँ आज कैसे
तुम्हारी रूह ने दस्तक दिया है
22. केसरी हम, हरा तुम उड़ाते रहो
यूँ ही भारत बनाते रहें उम्रभर
23. पूरा घर देखने जब गया गाँव को
सारे घर मुझको आधे मिले हर घड़ी
24. हमारे पास रखती हो बड़े एहसास रखती हो
मुझे तुम साँस देने के तज़ुर्बे - खास रखती हो
25. हार कर मत बैठना तुम ज़िन्दगी की दौड़ में
युद्ध का परिणाम आता है सदा लड़ने के बाद
26. बहुत खामोश हैं लफ्ज़ - ए - बयाँ उनकी अदाएँ पर
उतरती यूँ दिल - ओ - दरिया में हैं शाहिल नही दिखता
27. एक निर्णय ले लिए फिर क्या फ़रक पड़ता खुदा
या तो जन्नत राह होगी या तो दोजख का सफर
28. अपनी भी कुछ ख्वाहिशें हैं अपने भी कुछ स्वप्न हैं
छोड़कर इनको बताओ आप ही जाऊँ किधर
29. इस दिलो - दीमाग में क्या कर गई
ज़िक्र होता है तेरा हर बात में
30. मैं फ़लक से भी तोड़ लाऊँ चाँद - तारों को
कभी - कभी मेरा जो साथ तुम निभाया करो
31. ख़ुद ब ख़ुद किस्मत बदल जायेगी बस
ख़ुद के सपनों में ही खुद को देख तू
32. धूप में यूँ ही भटकता रहा सपनें लेकर
छाँव की चाह में अक्सर तेरा आँचल आया
33. इक संसार मेरा था बचपन की यादों का
उसमें तेरा झूम के आना याद अभी है
34. इस देश की रक्षा में अगर प्राण भी जाँए
मिट जाऊँ सर कलम हो शहादत के वास्ते
35. तेरी गोदी में माँ के आँचल का सुख
दिखता प्रेम अपार तुम्हारे चेहरे पर36. जी करता है जन्मदिवस के अवसर पर
लिख दूँ सारा प्यार तुम्हारे चेहरे पर ।।
37. मैं मन्दिर ,मस्जिद गिरिजाघर को क्यों जाऊँ
खुद को मेरा भगवान बना सकती हो क्या
38. माँ की दुवाएँ साथ हैं, बहनों की इबादत
गुस्से भरे पिता हैं मगर प्यार बहुत है
39. बहनें हों उन्मुक्त हमारी जितना चाहें पढ़ पाएँ,
बाबू जी को समझाने की कोशिश करता हूँ
40. चाचा चाची,मामा मामी,भाई भौजी सब
सारे रिस्तों को पाने की कोशिश करता हूँ
41. आज सारे धर्म का बस चाहता हूँ इल्म मैं
कौन ऐसा मंत्र बोलूँ मुक्त कर दूँ जाप से
42. कई दिन, दोपहर हैं साल बीते
गये बचपन से उनको आज देखे
43. यह प्रकृति,यह भोग,वैभव शान्त यह वातावरण
यह धरा पूरी तुम्हारी इस धरा को जीत लो
44. राजधानी देश की रखे रहो दिल्ली मगर,
राजसिंहासन पे अब मजदूर होने चाहिए
45. अधूरी जिन्दगी मैं ढूढता हूँ
कहाँ ये जिन्दगी कुर्बान कर दी
46. दबे पैरों से रेतों पर चली क्यों
मेरी जन्नत !अभी तो दोपहर है
47. मेरे होंठों के मद्धम हैं दबे से
तुम्हारी उँगलियाँ हैं या अधर है
48. इधर तनहा ,अकेला हूँ सदा खुश
तेरी परछाइयाँ जो हमसफ़र हैं
49. मैं झुका न हूँ , झुकूँ न चापलूसों की तरह ,
फिर नही इस देश को आशाभरी सरकार देना
50. बड़ा भोला सा था उस वक़्त जब तुम सीख देती थी ,
किसी से प्राप्त वो शिक्षा - सयानी याद आती है
51. तुम्हारी वाहवाही के लिए लिखता नही हूँ
मैं लिखता हूँ कि मैं ज़िन्दा हूँ ये तुम जान पाओ
धन्यवाद
नीलेन्द्र शुक्ल " नील "
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