Neelendra Shukla " Neel " |
कभी - कभी मेरे होंठों से मुस्कुराया करो
मेरी जुबाँ में सदा नाम तेरा रहता है
कभी - कभी मेरे गीतों को गुनगुनाया करो
कि वो तुम्हारी हर इक साँसें मुझपे गिर्वी हैं
कभी - कभी अपनी साँसें मुझसे ले जाया करो
मैंने अक्सर तुम्हें इस दिल की गली में देखा
कभी - कभी अपने दिल में मुझे बसाया करो
मेरी हर सुब्ह - शाम ढलती है यादों में तेरी
कभी - कभी मुझे अपना भी दिन बनाया करो
मैं फ़लक से भी तोड़ लाऊँ चाँद - तारों को
कभी - कभी मेरा जो साथ तुम निभाया करो
इश्क काफ़िर नही मेरा मुझे मालूम है पर
कभी - कभी मुझे ख़ुद से भी तो मिलाया करो
4 comments:
कभी - कभी मेरे गीतों को गुनगुनाया करो
wahhh nilesh bhai
कभी-कभी मेरे गीतों को गुनगुनाया करो
Kyaa baaat
vah ustad ..
bahot khub
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