तुमको घर तक छोड़ के आना याद अभी है
तुमसे दिल के राज़ बताना याद अभी है
इक संसार मेरा था बचपन की यादों का
उसमें तेरा झूम के आना याद अभी है
घर के कोने - कोने में यूँ दौड़ - भागकर
वो तेरा पायल छनकाना याद अभी है
दिल में मेरे दर्द उट्ठा था तेजी से कुछ
और तेरा वो दौड़ के आना याद अभी है
हुश्न - मुहब्बत जलवे तेरे सारे संग थे
ऐसे में बारिश का आना याद अभी है
नादानी करता था जब मैं जानबूझ कर
और तेरा बातें समझाना याद अभी है
गुम हो जाऊंगा इक दिन ये मुल्क छोड़ कर
फिर मत कहना इक दीवाना याद अभी है
तुमसे दिल के राज़ बताना याद अभी है
इक संसार मेरा था बचपन की यादों का
उसमें तेरा झूम के आना याद अभी है
घर के कोने - कोने में यूँ दौड़ - भागकर
वो तेरा पायल छनकाना याद अभी है
दिल में मेरे दर्द उट्ठा था तेजी से कुछ
और तेरा वो दौड़ के आना याद अभी है
हुश्न - मुहब्बत जलवे तेरे सारे संग थे
ऐसे में बारिश का आना याद अभी है
नादानी करता था जब मैं जानबूझ कर
और तेरा बातें समझाना याद अभी है
गुम हो जाऊंगा इक दिन ये मुल्क छोड़ कर
फिर मत कहना इक दीवाना याद अभी है
5 comments:
Bahot sundar
Bahot sundar
Purani yadon ko taja krne wali pankti
क्या बात है।।।
अच्छी है।
बहुत ही
Yaade bhut sweet hoti h sachhi kvivr
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